Free Tarbandi Yojana 2025: कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नई पहल कर रही हैं। इसी क्रम में राजस्थान सरकार ने किसानों के खेतों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुफ्त तारबंदी योजना के तहत किसानों को अपने खेतों के चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ लगाने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
आवारा जानवरों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान से किसान काफी परेशान रहते हैं। कई बार तो पूरी फसल ही बर्बाद हो जाती है। ऐसे में महंगी बाड़ लगाने की क्षमता न होने के कारण कई किसान खेती का रकबा कम कर देते हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की है, जिससे किसान कम खर्च में अपने खेतों की सुरक्षा कर सकें और खेती के प्रति उत्साहित रहें।
योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार का प्राथमिक लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है। जब किसानों के खेतों के चारों ओर मजबूत तारबंदी होगी, तो वे निश्चिंत होकर खेती कर सकेंगे। आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान में कमी आएगी और किसानों का मनोबल भी बढ़ेगा।
वर्तमान में फ्री तारबंदी योजना के माध्यम से किसानों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस आर्थिक सहायता से किसान आसानी से अपने खेतों की सुरक्षा व्यवस्था कर सकते हैं। जब खेत सुरक्षित होंगे तो किसान अधिक क्षेत्र में खेती करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
यह योजना विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से संचालित की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस योजना का वित्तीय भार वहन कर रही हैं। किसान अपने खेतों के आसपास नुकीले कांटेदार तारों की बाड़ लगाकर अनधिकृत प्रवेश को रोक सकते हैं।
तारबंदी की प्रमुख विशेषताएं
कांटेदार तारबंदी की बाड़ अन्य पारंपरिक बाड़ों की तुलना में कई मायनों में बेहतर है। सबसे बड़ी विशेषता इसकी टिकाऊपन है। इस्पात के तारों से निर्मित होने के कारण यह लंबे समय तक चलती है। खुले वातावरण में भी इस पर जंग कम लगता है, जिससे इसकी उम्र बढ़ जाती है।
नुकीले कांटों के कारण जानवर बाड़ को छूने से डरते हैं और फसलों में घुसने का प्रयास नहीं करते। किसान अपनी जरूरत और सुरक्षा के अनुसार कई पंक्तियों में तार लगवा सकते हैं। इससे सुरक्षा और मजबूत हो जाती है।
आर्थिक दृष्टि से भी यह योजना फायदेमंद है। अन्य प्रकार की बाड़ों की तुलना में कांटेदार तारबंदी काफी सस्ती पड़ती है। एक बार लगाने के बाद इसमें रखरखाव की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती। किसान लंबे समय तक इसका उपयोग बिना किसी अतिरिक्त खर्च के कर सकते हैं।
हालांकि इस तारबंदी के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। तेज नुकीले कांटे जानवरों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। कभी-कभी घबराहट में जानवर बाड़ कूदने का प्रयास करते हैं और तारों में फंस जाते हैं, जिससे उन्हें चोट लग सकती है। इस्पात की तारें सफेद होने के कारण दूर से स्पष्ट नहीं दिखतीं, इसलिए इंसानों को भी सावधान रहने की जरूरत होती है।
सब्सिडी की राशि और पात्रता
Free Tarbandi Schemes के तहत विभिन्न श्रेणियों के किसानों को अलग-अलग दरों पर सब्सिडी दी जाती है। लघु और सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है, जिसकी अधिकतम सीमा 48,000 रुपये निर्धारित की गई है। अन्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है, जो अधिकतम 40,000 रुपये तक हो सकती है।
यदि किसान सामूहिक रूप से आवेदन करते हैं, तो उन्हें और भी ज्यादा लाभ मिलता है। सामुदायिक आवेदन पर 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसकी अधिकतम राशि 56,000 रुपये है। यह व्यवस्था किसानों को सामूहिक प्रयासों के लिए प्रोत्साहित करती है।
योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। आवेदक राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए। व्यक्तिगत आवेदन के लिए कम से कम 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि होना अनिवार्य है। सामूहिक आवेदन करने की स्थिति में न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर भूमि आवश्यक है।
इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। यदि किसी के खेत की परिधि इससे अधिक है, तो शेष भाग के लिए उन्हें स्वयं खर्च करना होगा। लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को राज किसान पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है। किसान अपने आवश्यक दस्तावेजों के साथ पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। आवेदन स्वीकृत होने के बाद निर्धारित समय सीमा में सब्सिडी राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक है।
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Free Tarbandi Yojana 2025 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: फ्री तारबंदी योजना का लाभ कौन ले सकता है? राजस्थान के मूल निवासी किसान जिनके पास न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर कृषि भूमि है, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। सामूहिक आवेदन के लिए 1.5 हेक्टेयर भूमि आवश्यक है।
Q2: तारबंदी योजना में कितनी सब्सिडी मिलती है? लघु एवं सीमांत किसानों को 60% (अधिकतम ₹48,000), अन्य किसानों को 50% (अधिकतम ₹40,000) और सामूहिक आवेदन पर 70% (अधिकतम ₹56,000) तक सब्सिडी मिलती है।
Q3: इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें? आवेदन राज किसान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। जरूरी दस्तावेजों के साथ पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
Q4: योजना के तहत कितनी लंबाई की तारबंदी पर सब्सिडी मिलती है? किसान अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इससे अधिक लंबाई के लिए स्वयं खर्च करना होगा।
Q5: क्या यह योजना केवल राजस्थान में लागू है? यह योजना मुख्य रूप से राजस्थान में चल रही है, लेकिन अन्य राज्यों में भी इसी तरह की योजनाएं अलग-अलग नामों से संचालित हैं। अपने राज्य की जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
Q6: तारबंदी की सब्सिडी राशि कैसे मिलेगी? आवेदन स्वीकृत होने के बाद सब्सिडी राशि सीधे किसान के बैंक खाते में डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से भेजी जाती है।
Q7: क्या तारबंदी जानवरों के लिए खतरनाक है? कांटेदार तार नुकीले होते हैं, इसलिए जानवरों को इससे चोट लग सकती है। हालांकि यही इसकी सुरक्षा विशेषता भी है जो जानवरों को दूर रखती है।
Q8: योजना के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए? आधार कार्ड, भूमि के दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज आवश्यक होते हैं।

Dhobi ke khet mein tarbandi