Ration Card Cancelled: राशन कार्ड से 2.25 करोड़ अपात्र लोगों के नाम हटाए गए

Ration Card Cancelled: केंद्र सरकार ने मुफ्त राशन वितरण योजना में एक बड़ी सफाई अभियान चलाते हुए पिछले चार से पांच महीनों के दौरान कुल 2.25 करोड़ अपात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड सूची से बाहर कर दिया है। खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी सहायता केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक ही पहुंचे।

यह योजना गरीब परिवारों को प्रतिमाह 5 किलोग्राम निःशुल्क खाद्यान्न (चावल एवं गेहूं) उपलब्ध कराती है, जो उनके मासिक पोषण की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक है। लेकिन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत कई ऐसे व्यक्ति भी इस सूची में सम्मिलित हो गए थे जो इस योजना के लिए योग्य नहीं थे।

Ration Card Cancelled

कौन से लोग थे अयोग्य लाभार्थियों में शामिल

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि NFSA से लगभग 2.25 करोड़ गैर-पात्र लाभार्थियों को हटाया गया है। इन अपात्र लोगों में मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियां शामिल थीं:

  • चार पहिया वाहनों के स्वामी: जिन व्यक्तियों के पास निजी कार या अन्य चार पहिया वाहन हैं
  • उच्च आय वर्ग के लोग: जिनकी मासिक आय निर्धारित सीमा से अधिक है
  • कंपनी निदेशक: विभिन्न कंपनियों में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत व्यक्ति
  • मृतक व्यक्ति: ऐसे लाभार्थी जिनकी मृत्यु हो चुकी है परंतु उनके नाम सूची में बने हुए थे

मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने इन अपात्र लाभार्थियों की सूची तैयार करके राज्य सरकारों के साथ साझा की थी। राज्य सरकारों ने उचित जांच-पड़ताल के पश्चात इन नामों को हटाने की कार्रवाई पूर्ण की है।

सत्यापन प्रक्रिया और पात्र लाभार्थियों को जोड़ने का काम जारी

खाद्य सचिव ने स्पष्ट किया कि योग्य और वास्तविक जरूरतमंद लाभार्थियों को राज्य सरकारें लगातार सूची में जोड़ रही हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें अपात्र लोगों को हटाना और पात्र लोगों को शामिल करना निरंतर चलता रहता है।

विभाग ने लाभार्थियों की सही पहचान और उनके सत्यापन के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया है। पिछले 4-5 महीनों में यह विशाल कार्य पूर्ण किया गया है, जिसमें 2.25 करोड़ गैर-पात्र व्यक्तियों को सूची से निकाला गया।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का दायरा और पात्रता

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को वर्ष 2013 में संसद द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार:

  • ग्रामीण क्षेत्र: 75 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या को कवर किया जाता है
  • शहरी क्षेत्र: 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या इसके दायरे में आती है
  • कुल कवरेज: देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या इस योजना के अंतर्गत आती है
  • लक्षित संख्या: 2011 की जनगणना के आधार पर 81.35 करोड़ व्यक्ति

राज्य सरकारें लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें राशन कार्ड जारी करने की जिम्मेदारी संभालती हैं। पात्रता के मानदंड भी प्रत्येक राज्य द्वारा अपनी परिस्थितियों के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं।

इस साल जुलाई में केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया था कि 81.35 करोड़ के लक्षित कवरेज के विपरीत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केवल 80.56 करोड़ लोगों की पहचान की है। इसका अर्थ है कि NFSA के तहत अभी भी लगभग 79 लाख और लाभार्थियों को जोड़ने की संभावना है।

Ration Card Cancelled दो श्रेणियों में बंटे हैं लाभार्थी

मुफ्त खाद्यान्न वितरण योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

1. अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवार:

  • प्रति परिवार प्रतिमाह 35 किलोग्राम अनाज का अधिकार
  • यह सबसे गरीब और असहाय परिवारों के लिए है

2. प्राथमिकता वाले परिवार (PHH):

  • प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलोग्राम अनाज का अधिकार
  • यह सामान्य गरीब परिवारों के लिए है

वर्तमान में देश भर में 19 करोड़ से अधिक राशन कार्डधारक परिवार हैं। इन परिवारों को खाद्यान्न वितरण के लिए समस्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 5 लाख उचित मूल्य की दुकानें (राशन की दुकानें) स्थापित हैं।

यह सफाई अभियान सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसमें सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग केवल वास्तविक जरूरतमंदों के लिए सुनिश्चित किया जाए। अपात्र लाभार्थियों को हटाने से बचे हुए संसाधनों को अधिक जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाया जा सकेगा।

 

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